ऋषि किंदम का राजा पांडु को श्राप
महाभारत के अनुसार, एक बार राजा पांडु शिकार खेलने वन में गए।
उन्होंने वहां हिरण के जोड़े को मैथुन करते देखा और उन पर बाण चला दिया।
वास्तव में वो हिरण व हिरणी ऋषि किंदम व उनकी पत्नी थी। तब ऋषि किंदम ने
राजा पांडु को श्राप दिया कि जब भी आप किसी स्त्री से मिलन करेंगे। उसी समय
आपकी मृत्यु हो जाएगी। इसी श्राप के चलते जब राजा पांडु अपनी पत्नी माद्री
के साथ मिलन कर रहे थे, उसी समय उनकी मृत्यु हो गई।
नारद का भगवान विष्णु को श्राप
शिवपुराण के अनुसार एक बार देवऋषि नारद एक युवती पर मोहित हो गए। उस
कन्या के स्वयंवर में वे भगवान विष्णु के रूप में पहुंचे, लेकिन भगवान की
माया से उनका मुंह वानर के समान हो गया। भगवान विष्णु भी स्वयंवर में
पहुंचे। उन्हें देखकर उस युवती ने भगवान का वरण कर लिया। यह देखकर नारद
मुनि बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि जिस
प्रकार तुमने मुझे स्त्री के लिए व्याकुल किया है। उसी प्रकार तुम भी
स्त्री विरह का दु:ख भोगोगे। भगवान विष्णु ने राम अवतार में नारद मुनि के
इस श्राप को पूरा किया।
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