15 जनवरी, शुक्रवार को मकर संक्रांति है। ये मुख्य रूप से सूर्यदेव की
पूजा का पर्व है। ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव को
प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में
बदल सकता है।
पहला उपाय
1. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच की स्थिति में हो वे यदि
मकर संक्रांति को सूर्य यंत्र की स्थापना कर पूजा करें तो इससे उनकी
कुंडली के दोष कम होते हैं और विशेष लाभ भी मिलता है। सूर्य यंत्र की
स्थापना इस प्रकार करें-
स्थापना विधि
मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव को
प्रणाम करें। इसके बाद सूर्य यंत्र को गंगाजल व गाय के दूध से पवित्र करें।
अब इस यंत्र की पूजा करने के बाद सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र- ऊं घृणि सूर्याय नम:
जाप करने के बाद इस यंत्र को अपने पूजा स्थान पर करें। इस यंत्र की पूजा से शीघ्र ही सूर्य संबंधी होने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
जाप करने के बाद इस यंत्र को अपने पूजा स्थान पर करें। इस यंत्र की पूजा से शीघ्र ही सूर्य संबंधी होने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
2. मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से
निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर
बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें।
मंत्र- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।
मंत्र- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।
3. मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने
के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। पानी में कुमकुम
तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। अर्घ्य देते समय ऊं घृणि
सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से
मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
4. ज्योतिष के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है। मकर संक्रांति को तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है। इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
5. मकर संक्रांति पर गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए
जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है। अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके
हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव
प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
6. मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए दान का पुण्य सौ गुना होकर प्राप्त होता है। अगर आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दे तो इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करें। गरीबों को भोजन करवाएं तो और भी जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होगी।
7. मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के
बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें। अपने सामने बाजोट (पटिए)
पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र या प्रतिमा स्थापित
करें। इसके बाद सूर्यदेव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं। पूजा
में लाल फूल का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे
मंत्र का जाप करें-
मंत्र- ऊं भास्कराय नम:
कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें
मंत्र- ऊं भास्कराय नम:
कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें
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